krishna janmashtami

आ भी जाओ कृष्णा हमारे

            || आ भी जाओ कृष्णा हमारेकलयुग की धरती तुम्हे पुकारे || || हर घर फिर वृन्दावन हो जाएंमाखन मिश्री दूध…

भए प्रगट आज नंदलाल

            || बाजत ढोल गगनं में गुंजतभए प्रगट आज नंदलाल || || लोक लोक से पुष्प है बरसतघनी रात्रि बदल है…

कलयुग की धरती बदलने लगी है

              कलयुग की धरती बदलने लगी है। हर तरफ अनोखी छटा बिखरने लगी है। सतयुग की अयोध्या फिर चमकने लगी…

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मैं तलाश में हूं जिंदगी की…

            आँख मिचौली करती है। कभी ना रूबरू मिलती है। मैं भागती हूं रोज इसके पीछेयह सौ कदम आगे चलती है।…

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घर को वृंदावन बना लिया है

              मैने अपने घर में मन लगाने का तरीका खोज लिया है। मेरा मन अब शांत है आनंद में है…

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एक बहुत सरल और खूबसूरत प्रार्थना

              || जब आप सुबह सोकर जागे तो कहें….“कृष्ण मैं तुम्हें प्यार करती/करता हूं || || जब आप काम पर…

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क्यों बिहारी को प्रिय है? भाव की भाषा !

            एक बार एक व्यक्ति श्री धाम वृंदावन में दर्शन करने गया ! वह दर्शन करके जब लौट रहा था तभी…

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