हिन्दू धर्म में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो रामायण और महाभरत के नाम और अर्थ से वंचित हो। ये दोनों महाकाव्य बहुत से उपदेशों प्रेरित है इसमें त्याग, प्रेम, आत्मसम्मान, कर्तव्य और भी ऐसी ना जाने कितनी ऐसी बातें लिखी है। जो मनुष्य को सही मार्ग में चलने का मार्गदर्शन करेगी। इन्हीं दोनों महाकाव्यों में दो ऐसे महाबली है जिनको इच्छा मृत्यु का वरदान था लेकिन फिर भी एक को मिली सीधे प्रभु श्री राम की गोद और दूसरे को मिली विषैले बाणो की शैय्या-
जी हाँ हम बात कर रहे है रामायण के जटायु और महाभारत के भीष्म पितामह की ! आइये जानते है इस भयावय दृश्य को विस्तार पूर्वक-
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