क्यों मानाते है रंगो का त्यौहार “होली” ?

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rang panchami

 
वैसे तो होली एक ऐसा त्यौहार है जिसका इंतजार हर किसी को बड़ी बेसब्री से रहता है सभी लोग अपने अपने कार्यो से समय निकालकर इस त्यौहार को बहुत अच्छी तरह से मानते है इसी से सम्बंदिध कुछ तथ्य है जो हमने आपसे शेयर किये है उम्मीद है की सभी को ये तथ्य पसंद आये, अपने प्रिय जानो एवं सभी से ये जानकारी शेयर करे ताकि आने वाली पीढ़ी अपने इतिहास से अवगत रहे!
 
1- जब प्रेम की बात होती है, तो सबसे पहले नाम राधा-कृष्णा का आता है
2- जब हर रंग को एक साथ देखना हो, तो सबसे पहले होली का ही ध्यान आता है
3- होलिका की गोद में प्रह्लाद को बिठा कर चतुर्दशी को होलिका दहन किया जाता है
4- बुराई पर अच्छाई की जीत होती है,और उस खुशी को रंगों के साथ मनाया जाता है
5- रंगभारो एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक,ये त्यौहार वृन्दावन में मनाया जाता है
6- उन दिनों वृन्दावन का कर्ण-कर्ण कुंज बिहारी के प्रेम के रंग में डूबा होता है
7- बरसाने में और नंदगांव में फाल्गुन शुक्ला नवमी को लठमार होली मानते है
8- वहीं मथुरा में फाल्गुन शुक्ला एकादशी को भक्तों के साथ मनाया जाता है
9- पुरानी प्रथाओं को त्याग कर विधवाएं भी मथुरा में भक्ति के रंग में रंग जाती है
10- होलिका दहन,विधवा होली, रंग पंचमी,फूलों वाली होली, रंग भरो एकादशी मानते है
11- हर रंग को खुद में समा लेने वाले,भक्ति का रंग देने वाले बांके बिहारी की जय हो

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