घर को वृंदावन बना लिया है

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मैने अपने घर में मन लगाने का तरीका खोज लिया है। मेरा मन अब शांत है आनंद में है क्योंकि मैने अपने घर को वृंदावन बना लिया है–

!.. एक कमरे का नाम मैने वृंदावन रखा है ..!

!.. एक कमरे का नाम मैने बरसाना रख लिया है ..!

!.. रसोई का नाम मैने बिहारी जी की रसोई रखा है ..!

!.. बालकनी का गोवर्धन नाम रखा है ..!

!.. मंदिर का नाम श्री बांके बिहारी मंदिर रखा है ..!

!.. आंगन का नाम नन्द गांव रखा है ..!

!! आनंद ही आनंद है जब मन करे ब्रज घूम आओ अजीब सी शांति है !!

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Santosh singh

Nice, keep it continue..
You will be a good author..

Anand Agarwal

Thank you Santosh ji 🙂

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