5 वजह जो आपको मथुरा में होली मनाने पर मजबूर कर देंगी:-

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top five reasion celebrate holi in mathura

वैसे तो प्रेम और उमंग के सबसे बड़े त्यौहार होली से हर कोई भलि भाँति परिचित है इस रंगों के त्यौहार की तो बात ही निराली है हर कोई अपनी धुन में मगन रहता है सभी लोग एक दूसरे से गीले शिकवे मिटाकर होली के त्यौहार का आनंद लेते है और एक दूसरे को रंगो में सराबोर कर देते है अब अगर बात होली की हो और श्री कृष्णा की नगरी मथुरा का नाम न आये ऐसा कैसे हो सकता है मथुरा में तो होली का सबसे अलग अंदाज देखने को मिलता है यहाँ पर होली की शुरुवात बहुत पहले यानि बसंत पंचमी के दिन से ही होने लगती है वैसे अपने जीवन में एक बार सभी को मथुरा की होली का आनंद जरूर लेना चाहिए और ऐसा मानना है की जिसने भी एक बार श्री कृष्णा के सानिध्य में होली खेल ली वह बार बार मथुरा में होली मनाने को आतुर रहता है

आइये चलते है और जानते है की क्यों प्रसिद्ध है श्री कृष्णा की नगरी मथुरा की होली

1- बसंत पंचमी :-

 
सबसे पहले होली की शुरुवात श्री कृष्णा नगरी मथुरा और उनके धाम वृंन्दावन से होती है और इसकी शुरुवात फरवरी यानि बसन्त पंचमी के दिन से होती है यहां 45 दिन तक यह उत्सव उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव के पहले दिन श्रीबांकेबिहारी अपने भक्तों के साथ होली खलते है

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ठाकुर जी को गुलाल लगाते हुए भक्तों पर भी उसे उड़ाया जाता है। केशर मिश्रित सूजी का हलुआ का प्रसाद और ठाकुर जी को पीली रंग की पोशाक पहनाई जाती है।

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2-बरसाना की होली:- 

 
यहाँ की होली सबसे अनोखी होती है यहाँ पर रंग गुलाल के आलावा और भी तरीको से होली मनाई जाती है  जैसे लड्डू होली लट्ठमार होली और भी भिन्न भिन्न तरह मनाई जाती है लड्डू होली में सबसे पहले लड्डू का भोग श्री राधा रानी और श्री कृष्णा को लगया जाता है उसके बाद सभी भक्तो में लड्डू का प्रसाद लुटाया जाता है

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यहाँ की लट्ठमार होली सबसे ज़्यदा प्रसिद्ध और विचित्र है इस होली में महिलाये पुरषो पर लाठी डंडे से वार करती है और पुरुष सिर पर ढाल रखकर इसका बचाव करते है

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3-बाँके बिहारी मंदिर की होली:-

 
वृंदावन से यानी श्री बाँके बिहारी जी मंदिर से जहाँ कृष्ण कन्हैया सबसे पहले अपने भक्तों के संग होली खेलते है चूँकि कान्हा ने मथुरा में जन्म लिया और वृंदावन में अपनी अदभुत लीलाएँ की हैं इसलिए इन दोनो जगह होली खास महत्व रखती है

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अदबुध नजारा होता है जब प्रभु श्री कृष्णा अपने रंग में सभी भक्तो को रंग देते है पूरा वातावरण सकारात्मकता प्रेम, हर्ष,व् उल्लास से भर जाता है और सिर्फ एक ही जयघोष सुनाई पड़ता है जय जय श्री राधे

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4-विधवाओं की होली:-

 
यहा होने वाली विधवा होली सबसे अलग ही हटकर है जो पूरी दुनिया की सोच को बदलने का काम करती ये होली उन लोगों के लिए वरदान की तरह जो लोग समाज से तृस्कृत है और लोग इनको अलग दृस्टि से देखते है विधवा होली की शुरुवात 2016 से हुई

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उन चेहरों पे भी खुशी और उत्साह देखने को मिलता है जो लोग अपने जीवन से हताश और परेशान है साल का यह एक दिन सभी विधवाओं के लिए बहुत ख़ास होता है

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5-रंग पंचमी:-

 
यह उत्सव होली के पाचवे दिन मनाया जाता है इस त्यौहार को होली का आखरी उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, 45 दिनों तक चलने वाला होली का त्यौहार रंग पंचमी दिन समाप्त होता है पहले के समय में होली का त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता था और रंगपंचमी होली का अंतिम दिन होता था और उसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था। ये परंपरा भारत की कई जगहों पर अब भी बरकरार है।

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इस उत्सव का आनंद वीडियो के माध्यम से लेने के लिए नीचे दिए गए आइकॉन पर क्लिक करे:-

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