सब कुछ खो कर अब एक तुम्ही को पाया है !
गिरने के बाद तुमने ही तो हाथ बढा कर उठाया है !
आँखों से आंसुओ को दूर करके अब तुमने ही घर बसाया है !
लड़खड़ाते कदमो को ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया है !
अपनों से धोखा खाने के बाद एक तुमने ही दिल से लगाया है !
मेरी हर गलती को माफ़ करके मुझे अपना भक्त बनाया है !
अपने चरणों में बुला कर मेरे हर दुःख को मुझसे दूर भगाया है !
वृन्दावन धाम बुलाकर अपने स्वरूप का साक्षत्कार कराया है !
मेरे मनमोहन,मेरे गिरधारी,मेरे श्यामसुन्दर ने मुझे अपना बनाया है !
राधा-रानी के प्यारे हम सबके दुलारे माँ यशोदा के लाल की जय हो !
गिरने के बाद तुमने ही तो हाथ बढा कर उठाया है !
आँखों से आंसुओ को दूर करके अब तुमने ही घर बसाया है !
लड़खड़ाते कदमो को ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया है !
अपनों से धोखा खाने के बाद एक तुमने ही दिल से लगाया है !
मेरी हर गलती को माफ़ करके मुझे अपना भक्त बनाया है !
अपने चरणों में बुला कर मेरे हर दुःख को मुझसे दूर भगाया है !
वृन्दावन धाम बुलाकर अपने स्वरूप का साक्षत्कार कराया है !
मेरे मनमोहन,मेरे गिरधारी,मेरे श्यामसुन्दर ने मुझे अपना बनाया है !
राधा-रानी के प्यारे हम सबके दुलारे माँ यशोदा के लाल की जय हो !
|| प्रेम से बोलो राधे राधे ||
Facebook Comments