Krishna leela - कृष्ण लीला Poem - कविता Thoughts - विचार विरह वर्णन हे ऊधो तुम का जानो प्रीत कान्हा मेरे हमरे प्रान बसत है, हम सबके वे मीत। जब से कान्हा गोकुल त्यागे,… Garima(#लेखनी) नवम्बर 24, 2019 0 1244 0 Read Later Share