राधे राधे
राधा तुझको पुकारे मेरी प्रीत रे
राधा तुझको पुकारे मेरी प्रीत रे
मेरी प्रीत रे ओ मेरी राधे मनमीत रे
जन्मो से ढूंढे तुझे प्यासी नजरिया
दर दर भटकु भूलू कितनी डगरिया
प्रीत हाँ मेरी मनमीत तू, दुनिया लगे सारी झूठ रे
राधा तुझको पुकारे मेरी प्रीत रे
मेरी प्रीत रे ओ मेरी राधे मनमीत रे
भक्ति ना जानू तेरी पूजा ना जानू कैसे पुकारे तेरी दास ना जानू
वर्षा दीवानी रो रो पुकारे टूट ना जाये कहीं साँस रे
राधा तुझको पुकारे मेरी प्रीत रे
मेरी प्रीत रे ओ मेरी राधे मनमीत रे
बोलिए वृन्दावन बिहारी लाल की जय
बोलिए सांवरे सरकार की जय
बोलिए राधा रानी सरकार की जय
वर्षा कश्यप एक होनहार Student है,और एक अच्छी job पाने के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।
भगवान श्री राधे गोविंद की उपासक वर्षा को बचपन से ही भगवान कन्हैया के भजन,पद इत्यादि लिखना बेहद पसंद है।
भजनों में बेहद रुचि रखने वाली वर्षा का मानना है कि उसको कविताएँ लिखने की प्रेरणा भगवान गोविंद की कृपा से ही मिलती है।
Nice song 👌 jai shree Krishna Radhe Radhe
राधे राधे, बहुत ही सुन्दर रचना है।
Bahut hi achha