प्रेम की सागर मेरी राधा |
अनंत प्रेम के मोती राधा |
फूलों की खुशबू है राधा |
नदियां की धारा है राधा |
मोहन को मोह लेती राधा |
प्रेम प्रेम में तपती राधा |
श्याम के मन मैं बसती राधा |
वृंदावन की हस्ती राधा |
महारास की जान है राधा |
मिश्री से भी मीठी राधा |
श्याम चंदा तो चकोरी राधा |
वंशीवट की छैया राधा |
मुरली की हर धुन है राधा |
प्रेम का हर कण-कण है राधा |
मोहन की मनमीत है राधा |
सूरज की किरणों सी राधा |
आधी कृष्णा आधी राधा |
गोविन्द का आधार है राधा ||
प्रेम से बोलो राधे राधे
वर्षा कश्यप एक होनहार Student है,और एक अच्छी job पाने के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।
भगवान श्री राधे गोविंद की उपासक वर्षा को बचपन से ही भगवान कन्हैया के भजन,पद इत्यादि लिखना बेहद पसंद है।
भजनों में बेहद रुचि रखने वाली वर्षा का मानना है कि उसको कविताएँ लिखने की प्रेरणा भगवान गोविंद की कृपा से ही मिलती है।