श्री बाँकेबिहारी जी के निजी निवास वृंदावन में बरसों से यह परंपरा रही है की चैत्र माह की एकादशी पर बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर जी फूल बंगले में विराजमान होते है लेकिन इस बार ये परंपरा टूट गयी न तो ठाकुर जी गर्भगृह से निकले और न ही फूल बंगला सजाया गया। वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार पुरोहितों ने एकादशी पर फूल बंगला नहीं सजाया।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी एकादशी के दिन से बांकेबिहारी जी को फूल बंगले में विराजमान करने का प्रबंध था एकादशी पर बांकेबिहारी जी गर्भगृह से बाहर आते थे और पुरोहितों द्वारा बाहर ही ठाकुर जी की शृंगार आरती से लेकर शयन आरती की जाती थी। परन्तु इस वर्ष कोरोना नामक महामरी के कारण इस बार यह आयोजन स्थगित कर दिया गया है और मंदिर में आमजनो का प्रवेश निषेध कर दिया गया है मंदिर समिति के कुछ सदस्य ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
एकादशी से सजने वाले फूल बंगले में ८०० से ९०० किलो फूलों की जरूरत होती है यह फूल मथुरा के आलावा देश के विभिन्न स्थानों से आते थे और फूल बंगले को सजाने में काफी कारीगरों की भी आवश्यकता होती है लेकिन इस भयंकर महामारी के चलते ये सभी कार्य संभव नहीं हो पा रहे है
आने वाले कुछ दिनों तक ठाकुर बांकेबिहारी जी के निज बगीचे के फूलों से ही ठाकुर जी की फूल सेवा होगी।
आइये हम सभी मिलकर अपने आराध्य श्री कृष्णा व राधा रानी से प्रार्थना करते है की इस भयंकर विपदा से हमें निकले जिस तरह द्वापर युग में श्री कृष्णा ने समस्त गोकुल वासियो की रक्षा की थी उसी तरह पृथ्वी पर मौजूद समस्त प्राणियों की रक्षा के लिए श्री राधे-कृष्णा कृपा करे
प्रेम से बोलो राधे राधे